इसी मास जयपूर के आयुष पकाशन ने मेरी कई बाल साहितय की पुसतकें पकाशित की जिन में मेरा बाल उपनयास ''रहसयमय टापू'' भी शामिल है। ऐसी बात नहीं है कि यह मेरा साहितक दृषटी से कोई महतव पूण उपनयास या पुसतक है।
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